मन के नैन हजार.......
मन से कोई भाग सका न मन के नैन हजार.........
पृष्ठ
मुखपृष्ठ
मेरी डाय़री के पन्ने में सिमटती......"डायन"
रविवार, 30 अक्तूबर 2011
SANTOSH MISHRA...: बदलने की प्रक्रिया
SANTOSH MISHRA...: बदलने की प्रक्रिया
: समय की तकली में रूई की तरह कत रहा है "वर्तमान" और उसी तकली की बेंत पर सूत सा लिपट रहा है "भूत"। सूत के आदिम छोर को पकड़ धीरे-धीरे "वर्तमान...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें